नई दिल्लीदुनियाभर में चुटकुलों का पर्याय बन चुके संता-बंता जोक्स पर बैन लगाने वाली एक याचिका को सुप्रीम कोर्ट में स्वीकार कर लिया गया है। याचिका में कहा गया है कि इन चुटकुलों से सिख समुदाय का अपमान किया जाता है। सिख समुदाय पर चुटकुले पब्लिश करने वाली करीब पांच हजार वेबसाइट्स पर बैन लगाने की मांग भी की गई है।याचिकाकर्ता हरविंदर चौधरी ने अपनी जनहित याचिका में कोर्ट से आग्रह किया है कि उन सभी वेबसाइट्स पर बैन लगा दिया जाए, जिनपर सिख समुदाय का मजाक उड़ाया जाता है। उन्होंने कहा कि अब इस तरह के जोक्स बहुत हो गए, अब इन पर बैन लगाया जाना चाहिए।हरविंदर ने कहा कि उन्हें इस बात की हैरानी होती है कि जब किसी खास समुदाय या जातिवर्ग पर हमला होता है तो बवाल हो जता है, लेकिन जब सरदारों को चुटकुले का पात्र बना दिया जाता है तो जरा भी खिलाफत नहीं होती। दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली में पहली बार ऐसी याचिका दायर की गई है, वह भी सुप्रीम कोर्ट में।इसके पहले, कई बार सिख समुदाय के लोग इस तरह के चुटकुलों की शिकायत पुलिस से कर चुके हैं। मुंबई में पुलिस से इन जोक्स पर बैन लगाने की शिकायत की जा चुकी है।एक खबर के मुताबिक, सबसे पहले यह मामला मार्च 2007 में उठाया गया था। सिख बिजनसमैन मोहिंदर नानकसिंह की शिकायत पर मुंबई बेस्ड पब्लिशर रंजीत परांडे को संता-बंता पर किताब प्रकाशित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। किताब में कथित तौर पर सिख समुदाय पर भद्दे और अपमानजनक जोक्स थे।