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बच्ची से रेपः पुलिस ने पहले दी रिश्वत, फिर लड़की को मारा थप्पड़

नवभारत टाइम्स | 20 Apr 2013, 2:13 am
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बच्ची रेप कांड में दिल्ली पुलिस के रुख से प्रधानमंत्री भी नाराज बताए जा रहे हैं। गृह मंत्रालय ने भी पुलिस के आला अधिकारियों...

minor kidnapped and brutally raped
बच्ची से रेपः पुलिस ने पहले दी रिश्वत, फिर लड़की को मारा थप्पड़
नई दिल्ली।। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जहां एक तरफ अपराधी रेप के तमाम रेकॉर्ड्स तोड़ने में लगे हैं, वहीं पुलिस अपनी कारगुजारियों से नए-नए रेकॉर्ड बनाती जा रही है। ताजा मामले में ईस्ट दिल्ली के गांधीनगर में एक बच्ची के साथ कई दिनों तक हुए रेप कांड में पहले तो पुलिस ने पीड़ित परिवार को 2000 रुपए रिश्वत देकर अपनी नाकामी पर परदा डालने की कोशिश की और फिर विरोध कर रहे आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर बल प्रयोग किया। पुलिस ऑफिसर ने विरोध कर रही एक लड़की को सार्वजनिक रूप से थप्पड़ जड़ने में भी हिचक नहीं दिखाई। पीएम ने भी जताई नाराजगी सूत्रों के मुताबिक इस पूरे घटनाक्रम से प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह भी विचलित हैं। खास तौर पर इस कांड के बाद पुलिस के रवैये को उन्होंने बेहद गंभीरता से लिया है। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय सक्रिय हो गया है। सभी संबद्ध विभागों को समुचित निर्देश दिए जा रहे हैं। इस मामले में कड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। गृह मंत्रालय तलब किए गए आला पुलिस ऑफिसर बच्ची रेप केस को गलत ढंग से हैंडल करने के आरोपों के बीच दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों को गृह मंत्रालय में तलब किया गया है। खबर है कि वहां केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे की वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक चल रही है। बैठक में इस बात पर विचार-विमर्श चल रहा है कि इस मामले में अब क्या कदम उठाए जाने चाहिए जिससे हालात को सामान्य बनाने में आसानी हो और दोषी जल्द से जल्द पकड़े जाएं। गांधीनगर पुलिस थाने के एसएचओ निलंबित इस बीच दिल्ली पुलिस की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया गया कि एफआईआर दर्ज करने में देर करने की बात सही नहीं है। हालांकि गांधीनगर थाने के एसएचओ और एक सब इंस्पेक्टर को निलंबित करने की भी घोषणा इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में की गई। दिल्ली पुलिस ने दावा किया गया कि आरोपी की पहचान हो चुकी है और उसे पकड़ने के लिए टीम रवाना कर दी गई है। जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। तस्वीरों में: बेशर्म पुलिस की हरकतें बच्ची को एम्स ले जाया गया पीड़ित बच्ची को एम्स ले जाया गया है। ऐसा बताया गया कि बेहतर इलाज के लिए उसे एम्स में भर्ती कराया जाएगा। कांग्रेस सांसद संदीप दीक्षित ने भी मीडिया से बात करते हुए कहा था कि बच्ची का ठीक से इलाज कराना फिलहाल सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। आम आदमी पार्टी के लोग और आसपास के लोगों की भी मांग थी कि बच्ची को एम्स में भर्ती कराया जाए। हालांकि इलाज कर रहे डॉक्टरों के मुताबिक बच्ची का अच्छे से इलाज चल रहा था। उसके शरीर से बाहरी चीजें निकाल दी गई और पीड़ित पर इलाज का असर दिख रहा था। डॉक्टरों के मुताबिक बच्ची को कहीं और ले जाने की जरूरत नहीं थी। मगर जनता के और ऊपर के दबाव में यह फैसला किया गया। बच्ची के पेट से निकली मोमबत्ती, शीशी बच्ची से कई दिनों तक रेप के इस मामले में हैरान कर देने वाली बातें सामने आई है। अस्पताल में जिंदगी के लिए लड़ाई लड़ रही इस मासूम के पेट से डॉक्टरों को प्लास्टिक की शीशी और मोमबत्ती मिली हैं। बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई है।

पुलिस पर भी बच्ची के परिवारवालों को चुप करवाने के गंभीर आरोप लगे हैं। पीड़ित बच्ची के परिवार ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि पुलिस ने उन्हें 2000 रुपये देकर चुप रहने के लिए कहा। बच्ची के पिता ने कहा कि उन्हें मीडिया और आम लोगों से दूर रहने की धमकी भी पुलिसवालों ने दी।

लड़की को थप्पड़ लगाने वाला एसीपी सस्पेंड
उधर, पुलिस के पीड़ित परिवार को चुप करवाने और बच्ची के ठीक से इलाज न करवाने को लेकर 'आप' के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। आम आदमी पार्टी ने इस बारे में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को पत्र भी लिखा और बच्ची का इलाज एम्स में कराए जाने की मांग की ताकि बच्ची का अच्छा इलाज हो सके और उसकी जान बचाई जा सके। आम आदमी के कार्यकर्ता जब हॉस्पिटल में विरोध करने पहुंचे तो वहां पुलिस वाले 'शेर' बन गए। इन कार्यकर्ताओं को 'शांत' करने के मकसद से वहां तैनात एसीपी बनी सिंह अहलावत ने एक युवती को तमाचा तक लगा दिया। वहां लगे कैमरों में यह साफ दिख गया। जब मीडिया में यह बात आ गई तो एसीपी अहलावत को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

विडियोः देखिए कैसे लड़की को थप्पड़ लगाया एसीपी ने

गौरतलब है कि नर्सरी में पढ़ने वाली इस बच्ची को बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाले युवक ने ही अगवा किया और रेप किया। घरवाले बच्ची को इधर-उधर ढूंढते रहे, जबकि बच्ची उन्हीं के नीचे के कमरे में चार दिनों तक भूखी-प्यासी कैद रही। आरोपी ने बच्ची के हाथ-पैर बांध दिए थे। बच्ची को पीटा भी गया। आरोपी फरार है। वह बिहार का रहने वाला है।

चार दिन से कमरे में बंद थी बच्ची
पुलिस ने बताया कि पांच साल की बच्ची का परिवार और आरोपी दोनों किराएदार हैं। 14 अप्रैल की दोपहर को बच्ची अचानक अपने घर से लापता हो गई। उसकी तलाश की गई, मगर वह नहीं मिली। लोगों ने बताया कि आरोपी भी बच्ची को ढूंढने में मदद करने का ढोंग रच रहा था। मगर, किसी को अंदाजा नहीं था कि उस बच्ची का किडनैप खुद उसी ने करके अपने रूम में बंधक बनाकर रखा है। बच्ची नहीं मिली। 15 अप्रैल को बच्ची की गुमशुदगी की रिपोर्ट गांधी नगर थाने में दी गई। उसके अपहरण का मामला दर्ज कर पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी। बच्ची को काफी ढूंढा गया, लेकिन वह कहीं नहीं मिली।

फिर बुधवार दोपहर अचानक बच्ची के रोने की आवाज आई। यह आवाज उसी बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर से आ रही थी। तुरंत उसे ढूंढा जाने लगा। आवाज नीचे बंद कमरे से आ रही थी। पुलिस को कॉल किया गया। कमरे का ताला तोड़ा गया। पुलिस ने बच्ची को कमरे से बाहर निकाला। उसकी हालत बेहद नाजुक थी। एलबीएस अस्पताल में ले जाकर उसका मेडिकल कराया गया। वहां उसके साथ रेप की पुष्टि हुई। पता लगा कि बच्ची के साथ आरोपी ने कई बार रेप किया था। वह बेहोश हो गई थी।

बुधवार दोपहर को उसे किसी तरह होश आया, तो वह रोने लगी। पुलिस का कहना है कि आरोपी को पकड़ने के लिए कई टीमें बनाई गई हैं। उसे जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस का कहना है कि बच्ची डरी हुई है। वह परिजनों और पुलिस को घटना के बारे में बहुत अधिक नहीं बता पा रही है। हालांकि उसके साथ 'गंदा काम' हुआ है, इस बात की पुष्टि हो गई है।

इस मामले में स्थानीय लोगों और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को गांधी नगर थाने का भी घेराव किया था। उनका आरोप था कि पुलिस ने बच्ची को ढूंढने में कोई मदद नहीं की। अगर बच्ची के रोने की आवाज नहीं आती, तो उसे जिंदा ढूंढना मुश्किल हो जाता। लोगों की मांग थी कि इस मामले में क्या रिपोर्ट दर्ज की गई है, वह उन्हें दिखाई जाए।
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