प्रमुख संवाददाता, कृष्णा नगर
ईस्ट डिस्ट्रिक्ट की कृष्णा नगर पुलिस ने फायरिंग के एक हफ्ते बाद दो बाउंसरों को अरेस्ट कर लिया। आरोपियों की पहचान मुकेश रावत और रोहित के रूप में हुई। हालांकि फायरिंग में शामिल मुख्य आरोपी तरुण दुआ उर्फ सोनू सहित उसके कई साथी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है। फायरिंग में जख्मी हुए दो लोगों को हॉस्पिटल से छुट्टी मिल गई, जबकि 12 साल की कुसुम और बुजुर्ग रतन सिंह (68) की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।
कृष्णा नगर थाने सहित डिस्ट्रिक्ट की कई टीमें फायरिंग में शामिल आरोपियों की तलाश में लगी हुई हैं। आरोपियों के ठिकानों का पता लगाने के लिए पुलिस ने उनके कई साथियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। इससे मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने एक जगह पर दबिश देकर वहां से दो बाउंसरों को अरेस्ट कर लिया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पूछताछ में दोनों आरोपियों ने 5 अक्टूबर की रात तरुण के ऑफिस में चल रही पार्टी में शामिल होने के साथ-साथ फायरिंग में शामिल होने का जुर्म भी कबूल कर लिया है। पुलिस उनसे फायरिंग में शामिल बाकी आरोपियों के बारे में पूछताछ कर रही है।
वारदात वाली रात तरुण दुआ अपने 10-12 साथियों के साथ ऑफिस में पार्टी कर रहा था। पार्टी के दौरान उसने ऑफिस के ठीक सामने स्थित होटल से चिकन का ऑर्डर दिया था। चिकन पहुंचाने में देरी होने पर तरुण होटल पहुंचकर होटल मालिक से झगड़ा करने लगा। कहासुनी के दौरान उसके साथी ने पिस्टल निकालकर गोली चला दी थी, जिससे होटल पर काम करने वाला सुनील कुमार नाम का कर्मचारी जख्मी हो गया था। गोली की आवाज सुनकर पड़ोस में रहने वाले बुजुर्ग रतन सिंह वहां बीच-बचाव करने पहुंच गए। तरुण और उसके साथियों ने उन्हें भी गोली मार दी थी। गोली उनके सिर में लगी थी। इसके बाद रतन सिंह के परिवार वाले पहुंच गए। उनसे बचने के लिए उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग करनी शुरू कर दी। जिससे 12 साल की लड़की के अलावा एक अन्य बुजुर्ग गोपाल सिंह के पेट में गोली लग गई थी। इस घटना के बाद भीड़ ने तरुण के ऑफिस में घुसकर न केवल तोड़फोड की बल्कि ऑफिस के बाहर खड़ी फॉरच्यूनर, स्विफ्ट डिजायर और स्कॉर्पियो कार पर जमकर अपना गुस्सा उतारा।
आपराधिक घटनाओं के खिलाफ प्रदर्शन
स्थानीय निवासियों ने कृष्णा नगर इलाके में लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाओं के विरोध में प्रदर्शन किया। लोगों ने इलाके के विधायक के ऑफिस के सामने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का पुतला भी जलाया। लोगों का कहना है कि इलाके में स्नैचिंग और लूटपाट की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। उनका यह भी कहना है कि पिछले हफ्ते यहां सरेआम हुई फायरिंग में नाबालिग लड़की, दो बुजुर्ग सहित चार लोग जख्मी हुए थे। इलाके के विधायक ने उनकी सुध तक नहीं ली। स्थानीय निवासी पुलिस की कार्रवाई से भी संतुष्ट नहीं हैं।