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180 कैमरे भी नहीं बचा पाए उत्कर्ष की जान!

नवभारत टाइम्स | 22 Nov 2014, 10:08 am

ईस्ट डिस्ट्रिक्ट गांधीनगर इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे अगर चालू होते तो शायद उत्कर्ष आज जिंदा...

180 cameras could not save the life of utkarsh
180 कैमरे भी नहीं बचा पाए उत्कर्ष की जान!

राजेश सरोहा, गांधी नगर

ईस्ट डिस्ट्रिक्ट गांधीनगर इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे अगर चालू होते तो शायद उत्कर्ष आज जिंदा होता। यही नहीं पुलिस को फिरौती के लिए अपहरण और हत्या की इस वारदात को सुलझाने में इतना वक्त भी नहीं लगता।

सीसीटीवी कैमरों को एक साल पहले लगाया गया था। कैमरों की मॉनिटरिंग करने के लिए चार जगह कंट्रोल रूम भी बनकर तैयार हैं। बावजूद इसके अभी तक कैमरे चालू नहीं हो पाए। कैमरे चालू न होने के पीछे मुख्य वजह इस पूरे सिस्टम को 24 घंटे इलेक्ट्रिसिटी समस्या बताई जा रही है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार दिसंबर 2012 में हुए निर्भया कांड के बाद दिल्ली के सभी थाना क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई गई थी। इसी कड़ी में गांधीनगर थाने में भी इन कैमरों को लगाया गया था। पूरे इलाके में मुख्य स्थानों पर 180 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए।

कैमरे लगाते वक्त यह ध्यान रखा गया मेन रोड के अलावा चौक के चारों तरफ की कवरेज हो सके। अगर गांधीनगर थाना क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की बात की जाए तो झील चौक पर इस तरह से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे सत्संग मार्ग के अलावा सतनाम रोड की भी कवरेज हो सके। इन सभी सीसीटीवी कैमरों की मॉनिटरिंग करने के के लिए झील चौक, अशोक गली, सुभाष रोड और कैलाश में कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं। इनके अलावा गांधी नगर थाने में एक मास्टर कंट्रोल रूम भी बनकर तैयार है।

प्रॉजेक्ट से जुड़े एक सीनियर अफसर ने बताया सीसीटीवी कैमरों की मॉनिटरिंग के लिए जो कंट्रोल बनाए गए हैं, उनमें एसी लगाया जाएगा। जब पूरा हिसाब किताब जोड़ा गया तो पता चला कि इस पर दिल्ली पुलिस को हर महीने 3 लाख रुपये डीजल पर खर्च करने पड़ेंगे। गर्मियों में यहां 8-10 घंटे की बिजली कटौती होती है।

सिस्टम को बिजली उपलब्ध कराने के लिए हर महीने 3 लाख रुपये का डीजल फूंकना पड़ेगा। अब पुलिस के लिए समस्या यह है कि इतना पैसा आएगा कहां से। इस तरह से यह करोड़ों रुपये का प्रॉजेक्ट ठप पड़ा हुआ है। जानकारों का कहना है कि अगर पुलिस का यही ढुलमुल रवैया रहा तो यहां लगे कैमरे चोरी होने शुरू हो जाएंगे।

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