राजेश चौधरी, नई दिल्ली
एनएचआरसी ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वह उन सभी 12 अफ्रीकी महिलाओं को बतौर रिलीफ 25-25 हजार रुपये का भुगतान करे जो नस्लीय भेदभाव की शिकार हुई हैं। एनएचआरसी ने कहा कि ये महिलाएं दिल्ली के तत्कालीन कानून मंत्री सोमनाथ भारती के गैरकानूनी कार्य की शिकार हुई हैं। 15-16 जनवरी, 2014 को इन महिलाओं के साथ मंत्री और उनके सपोर्टरों ने गैरकानूनी व्यवहार किया। इन महिलाओं के मानवाधिकार का उल्लंघन किया गया है।
एनएचआरसी की ओर से कहा गया है कि तत्कालीन कानून मंत्री ने संवैधानिक पद पर रहते हुए कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन किया। ये महिलाएं नस्लीय भेदभाव की शिकार हुई हैं। इनकी प्रतिष्ठा का हनन किया गया। जिस तरह से उन्हें अपमानित किया गया, वह गैरकानूनी एक्ट है। यह मामला आर्थिक रिलीफ के लिए फिट केस है। एनएचआरसी ने दिल्ली सरकार से कहा है कि वह उक्त पीड़ित महिलाओं को 25-25 हजार रुपये का भुगतान करे और आदेश पर अमल संबधी रिपोर्ट 8 हफ्ते में पेश करे।
रिटायर जिला जज बी.एल. गर्ग और कमिशन की अपनी टीम की छानबीन संबंधी रिपोर्ट देखने के बाद एनएचआरसी ने कहा है कि तत्कालीन लॉ मिनिस्टर सोमनाथ भारती और उनके सपोर्टरों ने अफ्रीकी महिलाओं को जलील किया और गलत तरीके से उन्हें गाड़ी में बंधक बनाया। महिलाओं पर आरोप लगाया गया था कि वे सेक्स रैकेट में शामिल हैं और ड्रग्स ट्रैफिकिंग में लिप्त हैं, लेकिन जब उनका एक लेडी डॉक्टर द्वारा अवैध तरीके से सर्च किया गया तो उनके पास से कोई ड्रग्स नहीं मिला था। पहली नजर में यह दिखता है कि तत्कालीन लॉ मिनिस्टर भारती ने कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन किया।
साउथ दिल्ली के खिड़की एक्सटेंशन इलाके में आधी रात को अफ्रीकी महिलाओं के घर पर हुई रेड के मामले में दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती के खिलाफ की गई शिकायत के मामले में एनएचआरसी ने पुलिस से कहा था कि वह उचित कार्रवाई करे। शहजाद पूनावाला ने एनएचआरसी के सामने शिकायत कर आरोप लगाया था कि महिलाओं के घर पर सोमनाथ भारती की अगुवाई में लोगों ने ड्रग्स और देह व्यापार का आरोप लगाकर अवैध तरीके से रेड मारी थी।
इस बीच, सोमनाथ भारती ने एनएचआरसी के फैसले और उसके बयान की भाषा पर पर आपत्तियां जताई हैं। उन्होंने कहा है कि इस मामले में कोर्ट में पहले से ही केस चल रहा है। ऐसे में एनएचआरसी को इसमें दखल नहीं देना चाहिए था। या फिर एनएचआरसी को कम-से-कम मेरा पक्ष जानना चाहिए था।