राजेश सरोहा, विवेक विहार
ईस्ट डिस्ट्रिक्ट विवेक विहार थाने के एसएचओ राकेश सांगवान को तीन महीना पहले लाइन हाजिर किया गया था। लाइन हाजिर करने का आदेश ईस्टर्न रेंज के जॉइंट सीपी संजय बेनीवाल ने दिया था। करीब एक महीना लाइन में रहने के बाद उन्हें दोबारा एसएचओ लगा दिया गया था। सांगवान को इतना जल्दी दोबारा एसएचओ बनाए जाने पर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे है। उनके कंडक्ट की जांच कराए जाने की बात भी सामने आ रही है।
दिल्ली पुलिस के एक सीनियर अफसर ने बताया कि करीब तीन महीने पहले विवेक विहार थाने के एसएचओ को लाइन हाजिर किया गया था। सूत्रों का कहना है कि सांगवान पर लगे गंभीर आरोपों के चलते ही उन्हें थाने से हटाकर लाइन में भेजा गया था। करीब एक महीना तक लाइन में रहने के बाद उन्हें दोबारा बहाल कर दिया गया था। ऐसे में सवाल यह उठाए जा रहे कि इतने गंभीर आरोपों के चलते लाइन हाजिर करने के बाद उन्हें दोबारा बहाल क्यों किया गया? इस संबंध में सीनियर अफसर का कहना है कि जिन आरोपों के चलते उन्हें थाने से हटाकर लाइन में भेजा गया था उन्होंने उन सभी कमियों को सुधार लिया था। इसलिए उन्हें दोबारा बहाल किया गया। हालांकि सूत्रों का कहना है कि दिल्ली पुलिस में अपनी पैठ के चलते वह दोबारा एसएचओ की कुर्सी पाने में सफल रहे थे। दिल्ली पुलिस के एक सीनियर अफसर ने बताया कि सांगवान जब से दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए हैं तब से लेकर अब तक उनका कंडक्ट कैसा रहा है इसकी भी डिटेल रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। सूत्रों से यह भी पता चला है कि 1994 के आसपास करीब 25-26 सीआरपीएफ के जवान डेपुटेशन पर दिल्ली पुलिस में एसआई के पद पर आए थे। सांगवान भी उन्हीं में से एक हैं। कुछ साल बाद इन्होंने कोर्ट में केस दाखिल कर दिया था। कोर्ट के आदेश पर 2004 के आसपास सीआरपीएफ से डेपुटेशन पर आए इन सभी जवानों को इंस्पेक्टर पद पर प्रमोट कर दिया गया था।