विशाल आनंद, नई दिल्ली
तिहाड़ जेल में बंद हरियाणा के बहुचर्चित जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाला मामले के आरोपी पूर्व प्राथमिक शिक्षा निदेशक और सीनियर आईएएस अधिकारी संजीव कुमार के ऊपर हमला हुआ है। उन्हें जख्मी हालत में जेल प्रशासन ने डिस्पेंसरी में भर्ती कराया। सूत्रों ने बताया कि उनके पीठ और कमर में धारदार हथियार से वार हुआ। खबर है कि जान की हिफाजत के लिए उनसे जेल के भीतर ही फिरौती मांगी गई है। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों ही उन्हें संगीन अपराधियों वाली सेल में शिफ्ट किया गया था। हमले के पीछे उन्हीं क्रिमिनल का हाथ माना जा रहा है। इस बारे में संजीव कुमार से बयान लेकर हरी नगर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। अटैक और प्रोटेक्शन मनी मांगने वालों की जांच की जा रही है।
इस मामले में सीनियर पुलिस अफसर ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि वारदात सोमवार को घटित हुई है। जख्मी हालत में संजीव कुमार के बयान लेकर हरी नगर थाने में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। संजीव कुमार ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि वह पिछले साल अप्रैल 2013 से हरियाणा के जेबीटी भर्ती घोटाला केस में तिहाड़ जेल के सेंट्रल जेल नंबर 4 में बंद हैं। कुछ दिनों बाद वार्ड नंबर 4 बी सेल नंबर 6 में रखा गया, फिर उसके बाद सेल नंबर 12 वार्ड नंबर 5 में शिफ्ट कर दिया गया। करीब डेढ़ महीने पहले वार्ड नंबर 7/1 में रखा गया है। यह सेल खूंखार अपराधियों के लिए चर्चित है। हर वक्त करीब 70/80 इस सेल में बने रहते हैं। हालांकि हाल फिलहाल इस वार्ड में 60 खूंखार कैदी हैं। आईएएस संजीव कुमार ने पुलिस को बयान में कहा कि बीते सोमवार को सुबह करीब 9 बजे सेंट्रल जेल की कैंटीन में गए थे। फर्स्ट फ्लोर पर बाल्टी व कपड़ा लेकर जैसे ही सीढ़ियों के रास्ते चढ़े, आधे रास्ते की सीढ़यों तक पहुंचने पर अचानक पीछे से किसी ने गर्दन पकड़ी और पूरी ताकत से मरोड़ने की कोशिश करने लगा। संजीव ने धक्का देते हुए विरोध किया तो तेज धारदार हथियार से उनकी कमर पर हमला कर दिया।
आरोप है कि हमलावर ने संजीव कुमार से सेल में रहने की ‘प्रोटेक्शन मनी’ की डिमांड की। संजीव चीखते चिल्लाते हुए नीचे की ओर भागे। पुलिस के मुताबिक हमलावर कैदी सिर और मुंह पर गमछा लपेटे था। चीख पुकार सुनकर एक अन्य कैदी फौरन खून से लथपथ संजीव कुमार को डिस्पेंसरी ले गया। जहां से डीडीयू अस्पताल रेफर कर दिया गया। अस्पताल की सूचना पर हरी नगर थाना पुलिस पहुंची। संजीव कुमार के बयान पर एफआईआर दर्ज कर ली गई। इस बाबत जेल प्रशासन को सूचना दी गई है। पुलिस अफसर के मुताबिक घायल संजीव कुमार ने इस सेल में जान का खतरा बताया है। उनका आरोप है कि जानलेवा हमले की सूचना जेल प्रशासन ने वसंत कुंज में रहने वाले उनके परिवार को नहीं दी। पुलिस अफसर ने बताया कि जेल प्रशासन फिलहाल हमला और फिरौती मांगने वाली की पहचान कर रहा है।
कौन हैं आईएएस संजीव कुमार?
हरियाणा में वर्ष 1999-2000 के दौरान हुई जेबीटी की भर्ती में बरती गई धांधली के मामले का पर्दाफाश करने वाले प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजीव कुमार ही थे। बाद में यह आईएएस भी जांच के दौरान जेबीटी भर्ती घोटाला में शामिल पाया गया और सीबीआई की विशेष कोर्ट द्वारा दोषी ठहरा दिया गया। सीबीआई की विशेष कोर्ट द्वारा कुल 55 लोगों को दोषी ठहराए जाने के बाद अब उन 3206 जेबीटी शिक्षकों पर भी तलवार लटक गई है जो चौटाला सरकार के समय में भर्ती हुए थे। संजीव कुमार ने ही इस पूरे प्रकरण का खुलासा किया था। पिछले साल 22 जनवरी को रोहिणी कोर्ट स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला व उनके पुत्र अजय सिंह चौटाला और संजीव कुमार सहित 10 लोगों को 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। इस मामले में एक आरोपी पुष्करमल वर्मा को पांच साल कैद व 44 आरोपियों को चार-चार साल कैद की सजा सुनाई गई थी।
तिहाड़ जेल में बंद हरियाणा के बहुचर्चित जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाला मामले के आरोपी पूर्व प्राथमिक शिक्षा निदेशक और सीनियर आईएएस अधिकारी संजीव कुमार के ऊपर हमला हुआ है। उन्हें जख्मी हालत में जेल प्रशासन ने डिस्पेंसरी में भर्ती कराया। सूत्रों ने बताया कि उनके पीठ और कमर में धारदार हथियार से वार हुआ। खबर है कि जान की हिफाजत के लिए उनसे जेल के भीतर ही फिरौती मांगी गई है। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों ही उन्हें संगीन अपराधियों वाली सेल में शिफ्ट किया गया था। हमले के पीछे उन्हीं क्रिमिनल का हाथ माना जा रहा है। इस बारे में संजीव कुमार से बयान लेकर हरी नगर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। अटैक और प्रोटेक्शन मनी मांगने वालों की जांच की जा रही है।
इस मामले में सीनियर पुलिस अफसर ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि वारदात सोमवार को घटित हुई है। जख्मी हालत में संजीव कुमार के बयान लेकर हरी नगर थाने में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। संजीव कुमार ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि वह पिछले साल अप्रैल 2013 से हरियाणा के जेबीटी भर्ती घोटाला केस में तिहाड़ जेल के सेंट्रल जेल नंबर 4 में बंद हैं। कुछ दिनों बाद वार्ड नंबर 4 बी सेल नंबर 6 में रखा गया, फिर उसके बाद सेल नंबर 12 वार्ड नंबर 5 में शिफ्ट कर दिया गया। करीब डेढ़ महीने पहले वार्ड नंबर 7/1 में रखा गया है। यह सेल खूंखार अपराधियों के लिए चर्चित है। हर वक्त करीब 70/80 इस सेल में बने रहते हैं। हालांकि हाल फिलहाल इस वार्ड में 60 खूंखार कैदी हैं। आईएएस संजीव कुमार ने पुलिस को बयान में कहा कि बीते सोमवार को सुबह करीब 9 बजे सेंट्रल जेल की कैंटीन में गए थे। फर्स्ट फ्लोर पर बाल्टी व कपड़ा लेकर जैसे ही सीढ़ियों के रास्ते चढ़े, आधे रास्ते की सीढ़यों तक पहुंचने पर अचानक पीछे से किसी ने गर्दन पकड़ी और पूरी ताकत से मरोड़ने की कोशिश करने लगा। संजीव ने धक्का देते हुए विरोध किया तो तेज धारदार हथियार से उनकी कमर पर हमला कर दिया।
आरोप है कि हमलावर ने संजीव कुमार से सेल में रहने की ‘प्रोटेक्शन मनी’ की डिमांड की। संजीव चीखते चिल्लाते हुए नीचे की ओर भागे। पुलिस के मुताबिक हमलावर कैदी सिर और मुंह पर गमछा लपेटे था। चीख पुकार सुनकर एक अन्य कैदी फौरन खून से लथपथ संजीव कुमार को डिस्पेंसरी ले गया। जहां से डीडीयू अस्पताल रेफर कर दिया गया। अस्पताल की सूचना पर हरी नगर थाना पुलिस पहुंची। संजीव कुमार के बयान पर एफआईआर दर्ज कर ली गई। इस बाबत जेल प्रशासन को सूचना दी गई है। पुलिस अफसर के मुताबिक घायल संजीव कुमार ने इस सेल में जान का खतरा बताया है। उनका आरोप है कि जानलेवा हमले की सूचना जेल प्रशासन ने वसंत कुंज में रहने वाले उनके परिवार को नहीं दी। पुलिस अफसर ने बताया कि जेल प्रशासन फिलहाल हमला और फिरौती मांगने वाली की पहचान कर रहा है।
कौन हैं आईएएस संजीव कुमार?
हरियाणा में वर्ष 1999-2000 के दौरान हुई जेबीटी की भर्ती में बरती गई धांधली के मामले का पर्दाफाश करने वाले प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजीव कुमार ही थे। बाद में यह आईएएस भी जांच के दौरान जेबीटी भर्ती घोटाला में शामिल पाया गया और सीबीआई की विशेष कोर्ट द्वारा दोषी ठहरा दिया गया। सीबीआई की विशेष कोर्ट द्वारा कुल 55 लोगों को दोषी ठहराए जाने के बाद अब उन 3206 जेबीटी शिक्षकों पर भी तलवार लटक गई है जो चौटाला सरकार के समय में भर्ती हुए थे। संजीव कुमार ने ही इस पूरे प्रकरण का खुलासा किया था। पिछले साल 22 जनवरी को रोहिणी कोर्ट स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला व उनके पुत्र अजय सिंह चौटाला और संजीव कुमार सहित 10 लोगों को 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। इस मामले में एक आरोपी पुष्करमल वर्मा को पांच साल कैद व 44 आरोपियों को चार-चार साल कैद की सजा सुनाई गई थी।