Please enable javascript.जेएनयू: शिकायत से पहले हुआ था झगड़ा - JNU: The complaint was before the fight - Navbharat Times

जेएनयू: शिकायत से पहले हुआ था झगड़ा

नवभारतटाइम्स.कॉम | 31 Jul 2014, 08:00:00 AM

शाहनवाज मलिक, जेएनयूजेएनयू स्टूडेंट यूनियन प्रेजिडेंट अकबर चौधरी और शिकायत करने वाली स्टूडेंट के बीच बहस और झगड़ा हुआ था। स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज के...

jnu the complaint was before the fight
जेएनयू: शिकायत से पहले हुआ था झगड़ा
शाहनवाज मलिक, जेएनयूजेएनयू स्टूडेंट यूनियन प्रेजिडेंट अकबर चौधरी और शिकायत करने वाली स्टूडेंट के बीच बहस और झगड़ा हुआ था। स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज के एडमिशन सेल पर हुए इस झगड़े के दौरान अकबर चौधरी का चश्मा भी टूट गया था। 24 जुलाई को हुए इस विवाद के दिन ही स्टूडेंट ने जीएसकैश कमिटी से शिकायत की थी। वहीं कमिटी ने बुधवार से इस मामले की तहकीकात शुरू कर दी है। कमिटी फिलहाल यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह मामला सेक्सुअल हैरसमेंट का है या फिर डिसप्लनेरी एक्शन का? मामला साफ होने के बाद ही कमिटी आगे की इनवेस्टिगेशन शुरू करेगी।जेएनयू की एनएसयूआई यूनिट के मुताबिक कंपलेनेंट आईसा की मेंबर थीं। वह पिछले साल अगस्त से लेकर जनवरी 2014 तक आईसा में एक्टिव रहीं लेकिन इसी दौरान उन्हें 'अप्रोच' की कोशिश की गई। इन्हीं वजहों से हताश होकर उन्होंने पार्टी से किनारा कर लिया। एनएसयूआई सूत्रों ने बताया है कि प्रेजिडेंट अकबर चौधरी और जॉइंट सेक्रेटरी सरफराज हामिद ने उन्हें अलग-अलग वक्त पर 'अप्रोच' की कोशिश की। इस पूरे मामले पर आईसा और जेएनयूएसयू ने कुछ भी बोलने से इनकार किया है। संगठन और यूनियन का कहना है कि जीएसकैश में शिकायत के बाद उन्हें अपनी बात कहने का अधिकार नहीं है।हालांकि जेएनयूएसयू के टॉप ऑफिसर्स कैंपस में पैम्फलेट चिपकाकर एक गलती कर चुके हैं। पैम्फलेट दरअसल शिकायत के खिलाफ दोनों पदाधिकारियों के ओर से स्पष्टीकरण था। इसमें कहा गया था कि अगर जीएसकैश कमिटी शिकायत को इनवेस्टिगेट करती है तो दोनों लीडर अपनी पोस्ट से रिजाइन कर देंगे। इस सफाई से नाराज कमिटी ने प्रेजिडेंट अकबर चौधरी और जॉइंट सेक्रेटरी को नोटिस जारी किया था। मार्च में की थी छेड़छाड़ की कोशिश : एनएसयूआईएनएसयूआई सूत्रों का कहना है कि शिकायतकर्ता को दोनों लीडरों ने इसी साल मार्च में छेड़छाड़ की कोशिश की थी। इसके पहले भी उसे कई बार अप्रोच किया गया था। इन्हीं वजहों से तनाव में आकर शिकायतकर्ता ने आईसा से किनारा कर लिया था। इसी महीने शिकायतकर्ता ने एनएसयूआई जॉइन किया है। उसके बाद यह शिकायत हुई है।पॉलिटिकल है मामला : आईसायूनिवर्सिटी कैंपस में आईसा सबसे बड़ा और ताकतवर संगठन है। यूनियन के पदों पर लागातार इनकी जीत हुई है। आईसा के एक काडर कहते हैं कि उनकी पार्टी की इमेज खराब करने के लिए यह पॉलेटिकल गेम किया गया है। इसमें एनएसयूआई की भूमिका की जांच होनी चाहिए। सूत्र ने बताया कि नया सेशन शुरू हो गया है। अगले आठ हफ्तों में यूनियन का इलेक्शन होना है, ऐसे में यूनियन पर कब्जा करने के लिए पार्टी की इमेज खराब करने की कोशिश की गई है।जेएनयू के इतिहास की पहली घटना: एबीवीपीजेएनयू की एबीवीपी यूनिट के सेक्रेटरी अभिजीत का कहना है कि यूनिवर्सिटी के इतिहास में यह पहली घटना है कि जब यूनियन के ऑफिसर्स पर सेक्सुअल हैरसमेंट के आरोप लगे हैं। एबीवीपी ने मांग की है कि दोनों पोस्ट होल्डर्स को फौरन रिजाइन कर देना चाहिए ताकि जांच सही तरीके से हो पाए।
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