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डॉक्टर बनाने का ख्वाब दिखाकर 12 लाख ठगे

नवभारतटाइम्स.कॉम | 31 Jul 2014, 8:00 am
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शाहनवाज मलिक, नई दिल्लीदिल्ली में ठगों के कई चेहरे हैं। छत पर मोबाइल टावर लगवाने और कुरियर फ्रेंचाइजी लेने के रैकेट के बाद अब एडमिशन रैकेट का खुलासा...

doctor showing 12 million deceived dreams of making
डॉक्टर बनाने का ख्वाब दिखाकर 12 लाख ठगे
शाहनवाज मलिक, नई दिल्लीदिल्ली में ठगों के कई चेहरे हैं। छत पर मोबाइल टावर लगवाने और कुरियर फ्रेंचाइजी लेने के रैकेट के बाद अब एडमिशन रैकेट का खुलासा हुआ है। यह रैकेट सरकारी कॉलेजों में एडमिशन दिलवाने के नाम पर ठगी करता है। साउथ दिल्ली के महिपालपुर की एक फैमिली 12 लाख रुपयों की ठगी का शिकार हो चुकी है। यह एडमिशन रैकेट श्रीकांत एजुकेशन कंसलटेंसी के नाम से सक्रिय है। सफदरजंग पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है।महिपालपुर के राजेंद्र प्रसाद गर्ग अपने बेटे रजत का दाखिला एमबीबीएस कोर्स में करवाना चाहते थे। 1 जुलाई को गर्ग की नजर एक कंसलटेंसी के एडवर्टिजमेंट पर पड़ी। कंसलटेंसी में एमबीबीएस और एमडी कोर्स में एडमिशन दिलाने का दावा किया गया था। राजेंद्र प्रसाद गर्ग ने उसी दिन दिए गए नंबर पर फोन करके बातचीत की। कॉलर ने अपना नाम सारांश बताते हुए उनके बेटे रजत का एडमिशन वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज, सफदरजंग में करवाने झांसा दिया। फिर सारांश ने 9 जुलाई को राजेंद्र गर्ग की मेडिकल शॉप पर जाकर मुलाकात की। उनके बेटे रजत के डॉक्युमेंट्स और चार फोटो ली और 11 जुलाई को सफदरजंग हॉस्पिटल में 12 लाख रुपयों के साथ बुलाया। राजेंद्र अपनी वाइफ अर्चना और बेटे रजत के साथ 11 जुलाई की सुबह 11 बजे सफदरजंग हॉस्पिटल पहुंचे। यहां सारांश पहले से इंतजार कर रहा था। वह सभी को प्रिंसिपल के चेंबर के बाहर ले गया। वहां मौजूद सिक्युरिटी गार्ड से बात करने के बाद कहा कि आज प्रिंसिपल छुट्टी पर हैं लेकिन कॉलेज के एचओडी डॉक्टर मिश्रा हैं और उनसे मुलाकात के बाद एडमिशन हो जाएगा। रजत के मुताबिक सारांश उनकी फैमिली को लेकर रूम नंबर 106-A के बाहर लेकर पहुंचा। यहां सारांश ने फैमिली को पांच मिनट वेट करने के लिए कहा, जबकि राजेंद्र प्रसाद को फीस जमा करने के लिए अपने साथ ले गया। राजेंद्र प्रसाद बताते हैं कि सारांश उन्हें सिटी स्कैन डिपार्टमेंट में ले गया। वहां मौजूद शख्स से बात की और मुझे धमकाकर रुपयों का बैग छीन लिया। उसने यह भी कहा कि एक घंटे से पहले अगर यहां से हटे तो तुम्हारी फैमिली का मर्डर हो जाएगा। राजेंद्र कहते हैं कि वह डर गए थे और वहां मोबाइल नेटवर्क नहीं होने की वजह से फैमिली से कॉन्टैक्ट नहीं कर सके। थोड़ी देर में फैमिली खुद उन्हें ढूंढती हुई पहुंची। दहशत में कांप रहे राजेंद्र ने फौरन घर चलने को कहा। घर पहुंचकर उन्होंने बताया कि सारांश रुपये लेकर फरार हो गया है। सफदरजंग पुलिस ने बताया कि सिटी स्कैन डिपार्टमेंट से सीसीटीवी फुटेज निकालकर जांच की जा रही है। सीनियर अफसर ने यह भी बताया कि ठगी का यह पहला मामला नहीं है। सफदरजंग में एडमिशन के नाम पर लोग आसानी से झांसे में फंस जाते हैं। इसी तरह के एक और मामले को इनवेस्टिगेट किया जा रहा है। दूसरे मामले में पीड़ित मध्य प्रदेश का है।
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